- किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए ऐसे लुभावने कॉल, दौरे अथवा ई-मेल संदेशों से बचे जो कर्मचारियों अथवा अन्य आंतरिक सूचनाओं के बारे में पूछते हो।
- व्यैक्तिक जानकारी अथवा अपने संगठन के ढांचे अथवा नेटवर्क सहित इससे संबंधित जानकारी न दें जब तक कि आप सुनिश्चित न कर लें कि वह ऐसी जानकारी प्राप्त करने के लिए प्राधिकृत है।
- वेबसाईट की सुरक्षा की जांच किए बिना इंटरनेट पर कोई संवेदनशील सूचना न दें।
- वेबसाईट के यूआरएल पर ध्यान दें। संदिग्ध वेबसाईट वैध वेबसाईट से मिलती जुलती हो सकती है किंतु यूआरएल स्पैलिंग अथवा विभिन्न क्षेत्र (अर्थात् डॉट कॉम बनाम डॉट नेट) में परिवर्तन का प्रयोग करें।
- यदि आपको विश्वास नहीं है कि यह ई-मेल कानूनी है या नहीं, तो आप सीधे कंपनी से संपर्क करके इसकी पुष्टि करने की कोशिश करें।
- इस ट्रैफिक को कम करने के लिए एंटी वायरस सॉफ्टवेयर, फायरवॉल्स तथा ई-मेल फिल्टर्स का प्रयोग करें।
- यदि आपको लगता है कि आपका वित्तीय खाता संकट में है तो तत्काल अपनी वित्तीय संस्था से संपर्क करे और उस खाते को बंद कर दें जिसका गलत प्रयोग किया गया हो।
- तत्काल ऐसे पासवर्ड को बदल दें जिसे आपने प्रकट कर दिया हो। यदि आपने उसी पासवर्ड को कई स्रोतों के लिए प्रयोग किया हो।
- पहचान को चुराए जाने के अन्य लक्षणों को ध्यान में रखे और सतर्क रहें।
- ऑनलाइन खरीददारी करते समय, उत्पाद के बड़े फोटो देखें, क्योंकि आप उत्पाद को उठाकर और पकड़कर स्पर्श करने और इसकी जांच करने की क्षमता को त्याग रहे हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि उत्पाद को विभिन्न कोणों से दिखाया जाए। यह भी सुनिश्चित करें कि फोटो उस पर जूम करने, विशेषकर स्मार्ट फोन से, के उद्देश्य से काफी बड़ा है।
- ऑनलाइन खरीददारी करने वाले ग्राहकों को यह जानना चाहिए कि यदि उन्हें सहायता की आवश्यकता होगी तो वे खरीदी गई वस्तु को छोड़ने नहीं जा रहे हैं। इसका सरलतम तरीका वेबसाईट के हेडर अथवा फुटर में फोन नम्बर की जांच करना है। यह भी सुनिश्चित करें कि क्या ग्राहक सेवा के लिए कोई आसानी से प्राप्त किया जाने वाला ई-मेल पता है – और कोई व्यक्ति ई-मेल की जांच और प्रत्युत्तर नियमित रूप से प्रदान कर रहा है।
Awareness material on Internet Safety for Digital Transaction by Consumer is available http://consumerhelpline.gov.in/ncd2016/microsite/