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उपभोक्ता सहायता पोर्टल (संस्करण 2.3)

राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन, भारतीय लोक प्रशासन संस्‍थान में उपभोक्‍ता अध्‍ययन केन्‍द्र के तहत संघ सरकार के उपभोक्‍ता मामले मंत्रालय द्वारा संचालित परियोजना है। इस परियोजना ने उपभोक्‍ताओं की व्‍यापार और सेवा प्रदाताओं के साथ उत्‍पन्‍न होने वाली दिन प्रतिदिन की समस्‍याओं से निपटने के लिए टेलीफोन हेल्‍पलाइन की आवश्‍यकता को पहचाना है। उपभोक्‍ता अपने प्रश्‍नों और शिकायतों के संबंध में सूचना, परामर्श और दिशा-निर्देश प्राप्‍त करने के लिए कॉल कर सकता है।

राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन उपभोक्‍ताओं को उत्‍पादों और सेवाओं से संबंधित समस्‍याओं के समाधान में मार्गदर्शन करते हुए निम्‍नलिखित के सम्‍बन्‍ध में उनकी सहायता करती है:.

  • कंपनियों और विनियामक प्राधिकरणों से संबंधित सूचना उपलब्‍ध कराना।
  • चूककर्ता सेवा प्रदाताओं के खिलाफ शिकायतें दायर करने में उपभोक्‍ताओं की मदद करना।
  • उपलब्‍ध उपभोक्‍ता शिकायत प्रतितोष तंत्र का उपयोग करने में उपभोक्‍ताओं को सशक्‍त बनाना; उपभोक्‍ताओं को उनके अधिकारों और उत्‍तरदायित्‍वों के बारे में शिक्षित करना।

लक्ष्य और दूरदर्शिता


राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन का दृष्टिकोण
“जागरूक, सशक्‍त और जिम्‍मेदार उपभोक्‍ताओं तथा सामाजिक और विधिक रूप से जिम्‍मेदार निगमों का देश”
राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन मिशन
भारतीय उपभोक्‍ताओं को सशक्‍त बनाने के लिए टेलीफोन पर परामर्श, सूचना और दिशा-निर्देश उपलब्‍ध कराना और विश्‍व स्‍तर के मानकों को अपनाते हुए उपभोक्‍ता की चिंताओं और शिकायतों का समाधान करने के लिए व्‍यापारियों को अपनी नीति और प्रबंधन प्रणाली को पुन:स्‍थापित करने के लिए सहमत करना।” जब आप वस्‍तुएं और सेवाएं खरीदते हैं तो आप कानून - उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 द्वारा संरक्षित होते हैं।
विभाग ट्विटर हैंडल
इंग्राम में विभाग / मंत्रालय
भारत सरकार में सार्वजनिक शिकायतों के निदेशकों (नोडल अधिकारी)
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम

एक अधिनियम उपभोक्ताओं के हितों की बेहतर सुरक्षा के लिए प्रदान करने के लिए और उस उद्देश्य के लिए प्रावधान बनाने के लिए....

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