उपभोक्ता के रूप में रोगी के अधिकार निम्नलिखित हैं:
- रोगी को अपनी बीमारी के बारे में बताने का पूरा अधिकार है; वे अपने चिकित्सीय रिकार्ड के बारे में बता सकते हैं।
- रोगियों को यह बताया जाना चाहिए कि उन्हें कौन सा उपचार/दवाएं दी जा रही हैं। उन्हें जोखिमों और साईड इफेक्ट्स, यदि कोई हों, के बारे में बताया जाना चाहिए। उन्हें उपचार के बारे में प्रश्न करने और स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार है।
- रोगी को डॉक्टर की अर्हता जानने का अधिकार है।
- रोगी को यह अधिकार है कि डॉक्टर द्वारा शारीरिक जांच के समय उसके साथ उचित व्यवहार किया जाए और उसकी लाज का वांछित ध्यान रखा जाए।
- रोगी को अपनी बीमारी के प्रति गोपनीयता बरतने का अधिकार है और डॉक्टर से भी यही आशा की जाती है।
- यदि रोगी को सुझाई गई दवाओं अथवा इलाज के बारे में कोई सन्देह है तो उसे दूसरे डॉक्टर की सलाह लेने का अधिकार है।
- रोगी को यह जानने का अधिकार है कि सुझाया गया आप्रेशन/सर्जरी क्या है और उसमें सम्भावित जोखिम क्या है। यदि वह अन्य कारणों से अचेत है अथवा निर्णय ले पाने में सक्षम नहीं है तो उसके निकट सम्बन्धी को संसूचित करते हुए सहमति ली जानी आवश्यक है।
- रोगी को अनुरोध पर, डॉक्टर/अस्पताल से अपने चिकित्सा रिकार्ड/ मामले के कागजात लेने का अधिकार है।
- यदि रोगी को किसी अन्य अस्पताल ले जाने की आवश्यकता हो तो उसे इसका कारण जानने का अधिकार है और डॉक्टर के परामर्श से अपनी पसन्द बताने का अधिकार भी है।
- रोगियों को स्वयं द्वारा भुगतान किए गए बिलों के ब्यौरे जानने का अधिकार है।