यह तीन अंकों की संख्या है
जो किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय योजना द्वारा यथा निर्दिष्ट सीवीवी के समान कार्ड
के पीछे मुद्रित होती है ।
कृपया अपनी मोबाइल संख्या
का पंजीकरण करने के लिए अपने बैंक से संपर्क करें । जब आप अपनी मोबाइल संख्या
बदलते हैं तो उस संख्या को अद्यतन करना न भूलें ।
ओटीपी की वैधता कार्ड जारी
करने वाले बैंक के द्वारा निर्धारित की जाती है और यह विभिन्न बैंकों में अलग-अलग
होती है ।
आपसे अनुरोध है कि कृपया
प्रतीक्षा करें क्योंकि ओटीपी प्राप्त होना आपके दूरसंचार करियर की आपके वर्तमान
स्थान पर उपलब्ध सिगनल क्षमता पर निर्भर करता है । दूसरी ओर, यदि आप पर्याप्त समय में ओटीपी प्राप्त नहीं करते हैं तो, कृपया ''रीसेन्ड ओटीपी'' बटन पर क्लिक करें । यदि आप
निरंतर ओटीपी की प्राप्ति (विलंबित/गैर-प्राप्ति) संबंधी समस्याओं का सामना करते
हैं तो कृपया त्वरित रूप से अपने बैंक में संबंधित समस्या की रिपोर्ट करें।
आरबीआई से हाल ही में अप्रैल, 2017 माह के प्रकाशित डाटा के अनुसार, कुल 2,614,584 पीओएस टर्मिनल हैं।
रुपे कार्ड स्वीकृति सक्षम
है । यह भारत में स्थापित किए गए पीओएस टर्मिनलों के 97% से अधिक है ।
39 पीओएस अधिग्रहण बैंक रुपे
कार्ड स्वीकृति के लिए सक्षम हैं ।
एक इंट्रा-बैंक (ओएन-यूएस)
लेनदेन वह होता है जिसमें कार्डधारक और व्यापारी एक ही बैंक के ग्राहक होते हैं ।
इस तरह से समान बैंक का प्रयोग कर पीओएस लेनदेन का इस्तेमाल शुरू किया जाता है और
बाद में वही बैंक कार्डधारक के सत्यापन पर लेनदेन को अधिकृत करता है ।
एक अंतर बैंक (ऑफ-यूएस)
लेनदेन वह है जिसमें कार्डधारक और व्यापारी का बैंक अलग ऋण होता है । इस मामले
में,
इंटर-बैंक निधि निराकरण एनपीसीआई समाशोधन और निपटान प्रणाली के
इस्तेमाल से किया जाता है ।
बैंक जिसने लेनदेन को
उपार्जित किया है या वह बैंक जिसके बिक्री केंद्र (पीओएस) टर्मिनल का प्रयोग किया
गया है,
अधिग्रहणकर्ता बैंक है ।
जारीकर्ता वह बैंक है जिसमें
कार्डधारक का अपना खाता है और बैंक द्वारा जारी रुपे कार्ड है ।