शिकायतकर्ता को निम्नलिखित 3 स्तरीय प्रणाली अपनाने की सलाह दी जाती है : स्तर-1: बैंक-शाखा: (आपकी मूल बैंक शाखा जहां पर आपका खाता है) 1) संबंधित शाखा में लिखित में शिकायत दर्ज कराएं। 2) यदि शाखा में शिकायत का समाधान नहीं होता है तो उपभोक्ता, बैंक के नोडल अधिकारी के पास जा सकता है जिसका संपर्क विवरण शाखा में जरूर उपलब्ध होना चाहिए।
उपभोक्ता को लेनेदेन के विवरण सहित अपने असफल एटीएम लेनदेन की लिखित सूचना तत्काल ही दर्ज करानी चाहिए और बैंक से निम्नलिखित स्थानों से विवरण/दस्तावेज मांगने चाहिए: (i) प्राप्ति बैंक शाखा (वह शाखा जो प्रयोग में लाए गए एटीएम को नियंत्रित करती है)। उपभोक्ता को शिकायत जरूर दर्ज करानी चाहिए और शिकायत की एक प्रति पर पावती लेनी चाहिए। इस बात की पूरी संभावना है कि प्राप्ति बैंक के अधिकारी आपको अपनी शिकायत दर्ज कराने के जारीकर्ता बैंक में जाने के लिए कहेंगे या फिर आपसे कुछेक दिन इंतजार करने के लिए कहेंगे और कहेंगें कि आपके असफल लेनदेन की राशि स्वत: ही आपके खाते में आ जाएगी। (ii) जारीकर्ता बैंक शाखा (जारीकर्ता बैंक - एटीएम/डेबिट कार्ड जारी करने वाला बैंक) शिकायतकर्ता को संबंधित बैंक (जारीकर्ता बैंक - एटीएम/डेबिट कार्ड जारी करने वाला बैंक) में एक लिखित शिकायत करनी होगी और जवाब का इंतजार करना होगा। यदि बैंक लेनदेन के सफल होने का दावा करता है या शिकायत दर्ज कराने के 30 दिन बाद भी जवाब नहीं देता है तो शिकायतकर्ता बैंकिंग ओमबड्समेन से शिकायत कर सकता है।
जी हां। किसी व्यक्ति के उस बैंक, जहां उसका एक ‘बेसिक सेविंग्स बैंक डिपोजि़ट एकाउंट’ हो, में आवधि जमा /सावधि जमा, आवर्ती जमा आदि जैसे अन्य जमा खाते हो सकते हैं।
‘बेसिक सेविंग्स बैंक डिपोजि़ट एकाउंट’; पीएमएल अधिनियम तथा नियमों के उपबंधों और बैंक खाता खोलने के लिए समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए अपने ग्राहक पहचानें (केवाईसी)/एंटी मनीलॉंड्रिन्ग (एएमएल) संबंधी दिशानिर्देशों के अधीन होगा।
बुनियादी बचत बैंक जमा खाते में नि:शुल्क उपलब्ध सेवाएं हैं - नकदी जमा करना तथा नकद आहरण, इलेक्ट्रानिक भुगतान माध्यमों के जरिए अथवा बैंक शाखाओं तथा एटीएम में चेक जमा करने / चेकों की वसूली के स्वरूप में 'प्राप्ति' / धन का जमा (क्रेडिट)।
कोई भी व्यक्ति जिसे स्कीम के उपरोक्त खंड 12 में उल्लिखित सेवाओं के प्रति शिकायत है, वो अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बैंकिंग ओमबड्समेन तक जा सकता है। व्यक्त्िा उस बैंकिंग ओमबड्समेन से शिकायत कर सकता है जिसके न्यायाधिकार में बैंक की वह शाखा या कार्यालय आता है जिसके खिलाफ शिकायत की जाए। दर्ज की गई शिकायत लिखित में होनी चाहिए और उस पर शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर होने चाहिए। शिकायत में उस बैंक जिसके खिलाफ शिकायत की गई है की शाखा का नाम और पता के साथ-साथ शिकायतकर्ता का नाम और पता भी स्पष्ट होना चाहिए। इसमें शिकायत संबंधी तथ्य भी होने चाहिए और हानि की प्रकृति एवं सीमा के विवरण सहित अपनी स्वयं की स्थिति का समर्थन करने वाले दस्तावेज भी होने चाहिए।
यदि शिकायतकर्ता, शिकायत में उल्लिखित बैंक में पूर्व में न गया हो और शिकायत केवल तब ही स्वीकार की जाएगी जब बैंक ने शिकायत को
अस्वीकार कर दिया हो या
संबंधित बैंक द्वारा मामला प्राप्त करने के 1 महीने बाद को जवाब नहीं दिया हो या
व्यक्ति, दिए गए जवाब से संतुष्ट न हो
यदि कार्रवाई के कारणों के एक वर्ष बाद ओमबड्समेन को शिकायत दर्ज की गई है
यदि शिकायत उसी विषय से संबंधित है जिसे बैकिंग ओमबड्समेन द्वारा पिछली कार्रवाईयों में निपटाया गया था।
यदि उसी विषयवस्तु से संबंधित शिकायत किसी न्यायालय, न्यायाधिकरण या मध्यस्थ के समक्ष लंबित पड़ी है या ऐसे किसी प्राधिकारी द्वारा अंतिम आदेश पारित किए जा चुके हैं
यदि की गई शिकायत छोटी-मोटी, संताप देने वाली प्रवृत्ति की है
यदि शिकायतकर्ता को कोई हानि या नुकसान नहीं हुआ है
यदि इसे बिना किसी पर्याप्त कारण और संगत प्रयासों से शुरू किया गया है
यदि शिकायत, स्कीम के दायरे से बाहर है
यदि बैंक की शाखाएं ओमबड्समेन के क्षेत्राधिकार से बाहर हैं, क्योंकि कई राज्यों को एक साथ जोड़ा गया है इसलिए यह सभी राज्यों में उपलब्ध नहीं है
अपनी पासबुक/चैकबुक/कार्डस की सुरक्षा सुनिश्चित करें। पिन कोड/ओटीपी0आदि की गोपनीयता बनाए रखें। इसे टेलीफोन या ई-मेल पर किसी के साथ साझा न करें। नियमित अंतराल पर कोड बदलते रहें। यदि आपका कार्ड खो गया है/मशीन के अंदर चला गया है तो बैंक को तत्काल सूचित करें।
यदि आप अपने आसपास संदिग्ध लोगों को देखें तो किसी अन्य एटीएम का प्रयोग करें।
किसी अनजान को कार्ड न दें। पीओएस लेनदेन के मामले में भी अपनी उपस्थिति में प्रयोग करें।
एटीएम/पीओएस/ऑनलाईन लेनदेन करते समय किसी अनजान व्यक्ति की मदद स्वीकार न करें।
बैंक में चैक जमा करने से पहले कृपया चैक के पिछले भाग पर खाता संख्या, नाम और संपर्क नम्बर का उल्लेख करें।
बैंक, व्यक्ति विशेष को समयबद्ध तरीके से सभी मूलभूत सेवाओं के लिए मान्य प्रभारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराते हैं। बैंक को इस बारे में अग्रिम रूप से जानकारी देनी चाहिए।
बैंक, उपभोक्ताओं से केवल अधिसूचित सेवा प्रभार एकत्रित करते हैं और उपभोक्ताओं को उनके खातों या लेनदेन से एक यथोचित तरीके से सेवा प्रभारों की वसूली के बारे में सूचित करते हैं।
व्यक्तिगत जानकारी केवल सुरक्षित वेबसाईट के माध्यम से ही सम्प्रेषित करें। असल में ऑनलाईन लेनदेन करते समय साईट की सुरक्षा संबंधी चिह्न देखें अर्थात ब्राउजर के स्टेट्स बार पर लॉक का निशान या “https:” देखें। यहां पर “s” का अर्थ है सुरक्षित न कि “http:”
ऑनलाईन लेनदेन करने से पहले जांच कर लें कि वेबसाईट का पता सही है।
अपने कम्प्यूटर/मोबाईल फोन में प्रभावी एंटी वायरस/एंटी स्पाईवेयर/ पर्सनल फायरवॉल इंस्टॉल करके उन्हें सुरक्षित बनाए और नियमित रूप से अद्यतन करते रहें।
किसी भी प्रकार के अप्राधिकृत लेनदेन न हो यह सुनिश्चित करने के लिए अपने ऑनलाईन खातों और बैंक स्टेटमेंट्स की नियमित जांच करें।
किसी को भी पासवर्ड, डेबिट कार्ड ग्रिड वैल्यू आदि जैसी जानकारी या भारतीय रिजर्व बैंक, आयकर विभाग आदि जैसे सरकारी निकायों से आई ई-मेल/लिंक्स का खुलासा न करें चाहे वो बैंक का कर्मचारी होने का दावा भी करे।
अपने बैंकिंग लेनदेन पर निगाह रखने के लिए एसएमएस अलर्ट के लिए रजिस्टर करें।